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काेलकाता : सार्वजनिक स्थलों पर अवैध तरीके से बने मंदिर व अन्य धार्मिक निर्माणों को राज्य सरकार ने जल्द से जल्द तोड़ने का आदेश दिया है। इस बाबत राज्य के 8 जिलों को चिह्नित किया गया है, जहां से ऐसे अवैध धार्मिक निर्माणों को तोड़ने की बात कही गयी है। नवान्न सूत्रों की माने तो राज्य के मुख्य सचिव एच के द्विवेदी ने इन 8 जिलों के डीएम को नोटिस भेजी है जहां सार्वजनिक स्थलों पर ऐसे अवैध मंदिर या बाकी धार्मिक निर्माण स्थल बने हुए हैं।
इन जिलों को नोटिस
जानकारी के अनुसार कुल 8 जिलों को नोटिस भेजी गयी है, उनमें 5 जिले उत्तर बंगाल के हैं। उनके नाम अलीपुरदुआर, दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, कूचबिहार और दक्षिण दिनाजपुर हैं। उधर दक्षिण बंगाल में उत्तर 24 परगना, पूर्व बर्दवान और पूर्व मिदनापुर हैं।
कोर्ट के आदेश को देखते हुए लिया गया निर्णय
नवान्न के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बहुत पहले कोर्ट में मामला किया गया था जिसके तहत सार्वजनिक स्थलों पर अवैध तरीके से मंदिर या बाकी धार्मिक स्थल बनाने की इजाजत नहीं थी। अधिकारी के अनुसार 2010 में एक सरकारी निर्देश जारी किया गया था जिसके अनुसार, “सरकार सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी नए अनधिकृत भवनों की अनुमति नहीं देगी।” 2010 के आदेश के अनुसार, सर्वेक्षण में स्थान, संरचना की उम्र, जिस हद तक संरचना पैदल यात्री या वाहनों के यातायात में बाधा डाल रही है, स्थानीय निवासियों से प्राप्त शिकायतें संरचना को हटाने का अनुरोध करती हैं, एक पर स्थानांतरण की संभावना को ध्यान में रखना था। जमीन के पास के भूखंड, और कानून और व्यवस्था और सांप्रदायिक शांति बनाए रखने पर जबरन हटाने का प्रभाव।
जितनी जल्दी हो टूटेंगे ऐसे अवैध धार्मिक निर्माण
नवान्न अधिकारियों की माने तो इन अवैध धार्मिक निर्माणों को तोड़ने के लिए कोर्ट की ओर से सटीक टाइम फ्रेम तो नहीं दिया गया है लेकिन इतना जरूर है कि जितनी जल्दी हो इस काम को विराम देना होगा। देखने वाली बात होगी कि इस सरकारी फरमान के बाद प्रशासन कितनी तत्परता के साथ इसे पूरा कर पाता है क्योंकि यहां मामला नाले पर बनी अतिक्रमित दुकानों का नहीं है बल्कि सार्वजनिक स्थलों से धार्मिक निर्माणों को हटाने का है।
इन जिलों को नोटिस
जानकारी के अनुसार कुल 8 जिलों को नोटिस भेजी गयी है, उनमें 5 जिले उत्तर बंगाल के हैं। उनके नाम अलीपुरदुआर, दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, कूचबिहार और दक्षिण दिनाजपुर हैं। उधर दक्षिण बंगाल में उत्तर 24 परगना, पूर्व बर्दवान और पूर्व मिदनापुर हैं।
कोर्ट के आदेश को देखते हुए लिया गया निर्णय
नवान्न के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बहुत पहले कोर्ट में मामला किया गया था जिसके तहत सार्वजनिक स्थलों पर अवैध तरीके से मंदिर या बाकी धार्मिक स्थल बनाने की इजाजत नहीं थी। अधिकारी के अनुसार 2010 में एक सरकारी निर्देश जारी किया गया था जिसके अनुसार, “सरकार सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी नए अनधिकृत भवनों की अनुमति नहीं देगी।” 2010 के आदेश के अनुसार, सर्वेक्षण में स्थान, संरचना की उम्र, जिस हद तक संरचना पैदल यात्री या वाहनों के यातायात में बाधा डाल रही है, स्थानीय निवासियों से प्राप्त शिकायतें संरचना को हटाने का अनुरोध करती हैं, एक पर स्थानांतरण की संभावना को ध्यान में रखना था। जमीन के पास के भूखंड, और कानून और व्यवस्था और सांप्रदायिक शांति बनाए रखने पर जबरन हटाने का प्रभाव।
जितनी जल्दी हो टूटेंगे ऐसे अवैध धार्मिक निर्माण
नवान्न अधिकारियों की माने तो इन अवैध धार्मिक निर्माणों को तोड़ने के लिए कोर्ट की ओर से सटीक टाइम फ्रेम तो नहीं दिया गया है लेकिन इतना जरूर है कि जितनी जल्दी हो इस काम को विराम देना होगा। देखने वाली बात होगी कि इस सरकारी फरमान के बाद प्रशासन कितनी तत्परता के साथ इसे पूरा कर पाता है क्योंकि यहां मामला नाले पर बनी अतिक्रमित दुकानों का नहीं है बल्कि सार्वजनिक स्थलों से धार्मिक निर्माणों को हटाने का है।