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IPL का 15वां सीजन शुरू होने में एक दिन बाकी है। दूसरी तरफ, न्यूजीलैंड में चल रहे वीमेंस वर्ल्ड कप में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने बांग्लादेश को हराकर सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीदें कायम रखी हैं। भारतीय महिला क्रिकेट टीम लगातार नए आयाम स्थापित कर रही है। डेढ़ दशक से पुरुष क्रिकेट को आईपीएल जैसा टूर्नामेंट देने के बावजूद भारत में महिलाओं के आईपीएल की कोई तैयारी नहीं दिखती।
देश में क्रिकेट और क्रिकेटर्स को नए मुकाम तक पहुंचाने और नए खिलाड़ियों की पौध तैयार करने में आईपीएल की अहम भूमिका रही है। इस लीग से कई बेहतरीन खिलाड़ी उभरे, जिन्होंने टीम इंडिया में जगह बनाई। विश्व क्रिकेट में भी भारतीय खिलाड़ियों को खास पहचान मिली। पिछले करीब पांच साल से महिला खिलाड़ियों के लिए आईपीएल की मांग भी हो रही है। हाल ही में बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने ऐलान किया कि 2023 से वीमेंस आईपीएल की शुरुआत पर विचार किया जा रहा है।
मुंबई में गवर्निंग काउंसिल की बैठक में महिला के लिए आईपीएल पर शुक्रवार यानी आज चर्चा होगी।
जब एक हार ने किया चमत्कार
23 जुलाई, 2017 से पहले क्रिकेट प्रशंसकों का प्रेम टीम इंडिया कही जाने वाली पुरुष टीम को ही मिलता था, लेकिन इसी दिन भारतीय महिला क्रिकेटरों ने अपनी प्रतिभा दिखाई। भारतीय महिला खिलाड़ियों ने इंग्लैंड के लॉर्ड्स तक अपनी चमक बिखेरी। भारतीय टीम वुमन वर्ल्ड कप 2017 की उप-विजेता रही, लेकिन देशवासियों के लिए वे विजेता से कम नहीं थीं। 2005 के बाद दूसरा मौका था, जब भारतीय महिला टीम वर्ल्ड कप में उप-विजेता बनी।
2017 के बाद से बदल गई दुनिया
इससे पहले महिला क्रिकेट के मैचों का प्रसारण टीवी पर नहीं किया जाता था। इसके पीछे दलील थी कि महिला टीम में न तो पुरुष टीम जैसे बड़े नाम हैं और न ही प्रायोजकों की लंबी कतारें। 2017 के बाद से महिला क्रिकेट टीम को तवज्जो मिलना शुरू हो गई। मैच टीवी पर लाइव आने लगे। मीडिया में अच्छी खासी कवरेज होने लगी। पुरुष टीम की तरह इस टीम को सपोर्ट भी मिलने लगा।
वरिष्ठ खेल पत्रकार मुकेश थपलियाल कहते हैं कि लोढ़ा कमेटी के गठन के बाद से महिला क्रिकेट टीम पर विशेष ध्यान दिया जाने लगा। घरेलू स्तर पर सुधार हुआ। महिला खिलाड़ियों को प्रॉपर कॉन्ट्रैक्ट दिए जाने लगे और उनके पैसे बढ़ाए गए। रिकॉर्ड बने तो टीवी पर प्रसारण होने लगा, सोशल मीडिया पर लोग महिला टीम के फोटो शेयर करने लगे। लोग महिला खिलाड़ियों को पहचानने लगे। इसके बाद ही महिलाओं के लिए इंडियन प्रीमियर लीग बनाने की मांग शुरू हो गई।
महिला खिलाड़ियों की संख्या गिनी-चुनी क्यों?
थपलियाल के मुताबिक, देश में बहुत सी लड़कियां क्रिकेट खेलना चाहती हैं, लेकिन उनके सामने कई तरह की चुनौतियां हैं। साल 2017 के बाद से परिवार भी अपनी बेटियों का सपोर्ट करने लगे हैं। शहरी लड़कियों के पास तो फैसिलिटी है, लेकिन गांव की लड़कियों के पास ढेरों चुनौतियां हैं। मां-बाप नौकरी पेशा नहीं हैं। आसपास ट्रेनिंग सेंटर नहीं हैं। छोटे शहरों की कई लड़कियों के सपने अभी धारणाओं के चलते टूट जाते हैं।
इन देशों में है घरेलू लीग, पाकिस्तान-बांग्लादेश में जल्द होगी शुरू
ऑस्ट्रेलिया में साल 2015 से ही पुरुषों के लीग के साथ-साथ महिलाओं के लिए वुमन्स बिग बैश लीग का भी आयोजन होता है। खास बात यह है कि महिलाओं की इन आठों टीमों का नाम पुरुषों की लीग पर ही है। सिडनी सिक्सर्स की टीम पिछले तीन बार से लगातार खिताब जीत रही है। साल 2021 में ऑस्ट्रेलिया में बिग बैश लीग में आठ भारतीय महिला खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। वहीं इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने भी अपने यहां पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं के लिए वुमन-100 लीग शुरू कर दी। हाल ही में पाकिस्तान और बांग्लादेश ने भी अपने यहां महिला खिलाड़ियों के लिए घरेलू लीग शुरू करने का ऐलान किया है।
धोनी की तरह ही मिताली राज और झूलन गोस्वामी पर बन रही फिल्म
बॉलीवुड में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रहे कपिल देव, सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी के जीवन पर फिल्में बन चुकी हैं। वहीं अब भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज के जीवन पर फिल्म बन रही है। फिल्म का नाम ‘शाबाश मिठ्ठू’ है। इसका टीजर हाल ही में रिलीज हुआ है। इस फिल्म में मिताली राज का किरदार अभिनेत्री तापसी पन्नू निभा रही हैं। बताया जा रहा है कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान झूलन गोस्वामी पर भी फिल्म बन रही है। फिल्म का नाम ‘चकदा एक्सप्रेस’ है। इसमें झूलन गोस्वामी का रोल अनुष्का शर्मा निभाएंगी। बता दें कि झूलन गोस्वामी साल ने 2002 में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था।
खिलाड़ी और मैदान दोनों तैयार, फिर भी इंतजार
किसी भी खेल प्रतियोगिता के लिए पहले दो चीजें जरूरी होती हैं। खिलाड़ियों को फिल्टर वहां तक लाने वाला सिस्टम और स्टेडियम जैसे जरूरी संसाधन। उम्मीद है कि महिला क्रिकेटरों पर बन रहीं दोनों फिल्में देश में महिला क्रिकेट के लिए माहौल तैयार करेंगी और प्रायोजकों को भी जुटा लेंगी। 2021-22 के सीजन में भारत में डोमेस्टिक क्रिकेट में महिलाओं के 900 वनडे और टी-20 मैच रखे गए हैं। यानी खिलाड़ियों अगर महिलाओं के लिए आईपीएल शुरू होता है तो देश में प्रतिभावान खिलाड़ियों या जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर आड़े नहीं आएंगे।