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मोस्ट अवेटेड आश्रम का तीसरे सीजन रिलीज हो गया है। सीरीज को लेकर हुए विवाद के बाद इस बार सीरीज का नाम बदलकर एक बदनाम आश्रम किया गया। आश्रम 3 के डायरेक्टर और लीड एक्टर बॉबी देओल ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। फोटो पर क्लिक पर देखिए पूरा इंटरव्यू
आश्रम का बड़ा सफल सीजन रहा। इस सफलता का स्वाद किस तरह से बयां करेंगे?
बॉबी देओल:- आप जो काम करते हो और उस काम को सफलता मिलती है, तब खुशी मिलती है। इतनी मेहनत करते हैं ताकि लोग हमारा काम अप्रिशिएट करें। जब इतनी एप्रीसिएशन हमें मिली है, जितना कभी सोचा भी नहीं था। कभी-कभी ऐसा लगता है कि सपना देख रहा हूं कि सचमुच में ऐसा सीरीज के साथ हो गया।
प्रकाश झा:- मेरी तो परेशानी बढ़ जाती है, क्योंकि लोग बोलने लगते हैं कि एक और सीजन बनाओ। फिर कहानी सोचनी पड़ती है, लिखना पड़ता है और फिर बनाना पड़ता है। वही समस्या है।
शो के तीसरे सीजन में क्या नया लेकर आ रहे हैं?
बॉबी देओल:- हमने चैप्टर-1 और चैप्टर-2 बनाया था। हमें यह मालूम नहीं था कि चैप्टर-2 में क्या लाने वाले हैं, लेकिन लोगों को पसंद आया था। जिस तरह से कहानी हमें आगे लेकर जाती है, उसी हिसाब से हम आगे बढ़ते हैं। लोगों ने इस कहानी को इतना पसंद किया है कि इसका अलग-अलग रूप देखना चाहते हैं कि और आगे क्या होने वाला है। आई थिंक, ऑडियंस एक्साइटेड रहती है, इसलिए इतना पॉपुलर और बड़ा शो यह हुआ।
प्रकाश झा:- किसी बच्चे को कहानी सुनाते हैं, जब कहानी बच्चे को उलझाकर रखती है, तब वह सुनता है। अगर उसको उलझा कर नहीं रखेगी, तब बच्चे का मन कहीं और चला जाता है। हम जब भी कहानी सोचते हैं या लिखते हैं, तब हमेशा ध्यान रहता है कि कहानी ऑडियंस को उलझाकर रखे। फिर सारी चीजें आ जाती है कि यह रिएलिटी से कितना बाहर जाए, कैरेक्टर कैसे ग्रो किया जाए। यह सारी चीजें बतौर राइटर चैलेंज रहती हैं। यहां बहुत सारी चीजें जो हम कहने की कोशिश कर रहे हैं, वह पब्लिक डोमेन में हैं। फिर वह राजनीति हो या बिजनेस। अब बिजनेस में ही बहुत सारे धाकड़ लोग बिजनेसमैन निकले। हर्षद मेहता सहित कई लोग रहे, जो हजारों हजार करोड़ लेकर देश से भागे हुए हैं। वह बिजनेस का ही हिस्सा है, लेकिन दूसरी तरफ टाटा, अंबानी, बिरला भी हैं, जो अच्छा बिजनेस करते हैं। इसी तरह से धर्म और पॉलिटिक्स में भी है। हमारे यहां धर्म, अध्यात्म, रिलेजन, संस्थाएं हैं और इनको खराब करने वाले लोग भी हैं। क्योंकि विश्वास को हम अच्छे और बुरे, दोनों तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं।
आश्रम पर हुए विवाद पर क्या कहेंगे?
बॉबी देओल:- देखिए, मैं बहुत सिंपल इंसान हूं। यह जो दुनिया में हो रहा है, उससे बहुत दूर रहता हूं। मेरा पूरा परिवार ऐसा ही है। हमें जब कोई किसी चीज के बारे में पूछता है तब हम जवाब देंगे। मैं इतना मानता हूं कि एक एक्टर हूं और अलग करैक्टर प्ले करना चाहता हूं। जो भी कहानियां लिखी जाती हैं, वह हमारे समाज में जो हो रहा है, उस पर पर बेस्ड होती हैं ताकि हम उन्हें आईडेंटिफाई कर सकें। एक विलेन प्ले करना, जो मैंने कभी किया नहीं था। इतना गंदा इंसान को प्ले करना बतौर एक्टर मेरे लिए चैलेंजिंग था। मैं ऐसा किरदार प्ले करना चाहता हूं, जो नहीं हूं, उसमें मजा आता है। लोगों को यह दिखाना की ऐसे बुरे इंसान होते हैं, जब उनको यह फीलिंग आती है, तब लगता है कि आपने अच्छा काम किया है।
प्रकाश झा:- मैं हमेशा कहता हूं कि विवाद करने वाले लोग तो होंगे। जिनके दिमाग में उस तरह की चीजें हैं वह जरूर होंगे। लेकिन हर विवाद करने वाले के समक्ष हजारों ऐसे लोग हैं, जो उसको सही तरीके से देखते हैं और करेक्ट नजरिया रखते हैं। तब हम किसके लिए बात करें। विवाद करने वालों से हमें कोई रूस भी नहीं है और उनके साथ हमारा कोई तकरार भी नहीं है । वह बोलेंगे वह अपनी आवाज करेंगे क्योंकि वह किसी गलत दिशा में भ्रमित है। लेकिन मैं उन हजारों की सोचता हूं। यह मजाक तो नहीं है ना। इसे 1.6 बिलियन लोगों ने देखा। हमें सोच कर चलते हैं कि ऐसे कुछ लोग होंगे अगर ना हो तब यह बात सही नहीं है।
आश्रम 3 को कितने लोकेशन पर शूट किया गया?
प्रकाश झा:- इस बार 163 लोकेशन पर शूट किया गया है। अब इसके लिए छोटे बड़े सेट लगाए गए। इसे जयपुर और भोपाल में शूट किया गया है। इस बार 10 एपिसोड होगा और इसकी शूटिंग में कुल 80 दिन लगे।
इस शो का कितना सीजन लाना चाहेंगे?
प्रकाश झा:- यह तो कहानी पर डिपेंड करता है। कहानी जिस तरह से आगे बढ़ेगी उतने सीजन आएंगे। इसकी सफलता अपनी जगह है, पर कहानी में जो वजन है हम उसे ढूंढते हैं। इसकी कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता और एक किसी को पता भी नहीं होता है। हमने कभी सोचा भी नहीं था कि आश्रम 3 के लिए बैठकर हम इंटरव्यू दे रहे होंगे।
क्या पहले सीजन के सफल होने का प्रेशर अगले सीजन में महसूस करते हैं?
बॉबी देओल:- देखिए, यह बात दिमाग में रहती है कि सेकंड सीजन कैसे बनेगा, देखा जाएगा। लेकिन कहानी लिखनी होती है, पर आपको आपके सब्जेक्ट पर भरोसा होता है। यह ऐसी कहानी है, जिसके बारे में लोग जानना चाहते हैं। इसके अंदर इतनी इंटरेस्टिंग चीजें हैं, जो लोगों को पता नहीं है। जैसा कि प्रकाश झा ने कहा कि बच्चे भी इसे देखते है। कहानी के अंदर एक इनबिल्ट जान है, जो लोग सुनना है। हम जो डॉक्यूमेंट्री देखते हैं, वह ज्यादातर बुरे लोगों पर, मर्डर पर या स्कैम पर बनती है। लोग उन्हें इसलिए देखते हैं कि वह कहानी इंटरेस्टिंग लगती है। यह फिक्सनाइज वर्जन है। उन जैसे लोगों के बारे में है, जिन्होंने लोगों का फायदा उठाया। लोग जानना चाहते हैं कि यह उन्होंने कैसे किया और ऐसे लोगों से कैसे बच सकते हैं।
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