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बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते दक्षिण एशिया के शहरों में सबसे ज्यादा लोगों को समय से पहले जान गंवानी पड़ी है। बर्मिंघम यूनिवर्सिटी और UCL के रिसर्चर्स ने एक स्टडी में बताया है कि भारत के मुंबई, बेंगलुरू, कोलकाता, हैदराबाद, चेन्नई, सूरत, पुणे और अहमदाबाद में वायु प्रदूषण के कारण 14 साल से ज्यादा उम्र के 1 लाख लोगों की अकाल मौत हुई हैं।
स्टडी से यह भी पता चला है कि गर्म जलवायु वाले देशों के शहरों में 14 साल में लगभग 1.80 लाख अकाल मौतें वायु प्रदूषण में तेजी से बढ़ोतरी की वजह से हुईं। वैज्ञानिकों की अंतरराष्ट्रीय टीम ने 2005 से 2018 के लिए नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के उपग्रहों से मिले डेटा के आधार पर यह स्टडी की है। स्टडी में अफ्रीका, एशिया और मध्य पूर्व में भविष्य के 46 मेगा शहरों में एयर क्वालिटी डेटा का इस्तेमाल किया गया। रिसर्चर्स ने पाया कि हवा में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड 14% तक और सूक्ष्म कणों (पीएम 2.5) की मात्रा 8% तक बढ़ गई है।
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नोएडा में सुपरटेक की 32 मंजिला इमारत गिराने का ट्रायल आज
देश में पहली बार 32 मंजिला ऊंची इमारत गिराई जाएगी। इसकी पूरी तैयारी हो गई है। यह इमारत दिल्ली से लगे यूपी के नोएडा में सुपरटेक बिल्डर की है। उसके बनाए 32 मंजिला ट्विन टावर को गिराने के लिए रविवार को ट्रायल होगा। इस इमारत की ऊंचाई करीब 103 मीटर है। भारत में इतनी ऊंची इमारत पहली बार गिराई जाएगी। इसके लिए दक्षिण अफ्रीका की कंपनी जेट डेमोलिशन की मदद ली जा रही है।
नोएडा के सेक्टर 93ए में स्थित इमारत को गिराने का ट्रायल कामयाब रहा तो 22 मई को 9 सेकंड में ट्विन टावर जमींदोज हो जाएगा। सुपरटेक बिल्डर ने इन्हें अवैध तरीके से बनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसे गिराने का आदेश दिया था, साथ ही खरीदारों को 28 फरवरी तक 12% ब्याज समेत उनकी पूरी रकम लौटाने का आदेश दिया था।
खरीदार को जानकारी दिए बिना फ्लैट का एरिया कम नहीं कर सकता बिल्डर
बताए हुए एरिया से कम का फ्लैट बेचने के मामले में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने अहम फैसला सुनाया है। आयोग के जस्टिस सी. विश्वनाथ और राम सूरत राम मौर्या ने कहा कि तय शर्तों काे बिल्डर द्वारा पूरा न करना उपभोक्ता अधिकारों के हनन का मामला है। मामला कोलकाता का है, जहां सौमित्रा करमाकर नाम के ग्राहक ने बिल्डर शंकर शाह से दो बेडरूम का फ्लैट 24 लाख रुपए में खरीदा था।
बिल्डर ने फ्लैट का बिल्ट अप एरिया 850 स्क्वायर फीट बताया था। संदेह होने पर करमाकर ने नगर निगम के लाइसेंस्ड बिल्डिंग सर्वेयर से पैमाइश करवाई। एरिया एग्रीमेंट से 148 स्क्वायर फीट कम निकला। आयोग ने इस मामले में आरोपी बिल्डर पर 7.20 लाख रुपए का जुर्माना लगाने के राज्य उपभोक्ता आयोग के फैसले को सही ठहराया। बिल्डर को यह रकम एक महीने के भीतर 12% ब्याज के साथ लौटानी होगी।
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