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जामनगर (गुजरात), एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि अगले 25 वर्ष पारंपरिक चिकित्सा यानी आयुष पद्धति के नाम होंगे। मोदी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. ट्रेडोस घेब्रेयसस और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के साथ जामनगर में वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र की आधारशिला रखी।
मोदी ने कहा कि समग्र स्वास्थ्य सेवा की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए मुझे विश्वास है कि पारंपरिक चिकित्सा और यह केंद्र 25 वर्ष बाद दुनिया के हर परिवार के लिए महत्वपूर्ण हो जाएगा, जब भारत आजादी के 100 साल का जश्न मनाएगा। उन्होंने कहा कि हालांकि रोगमुक्त होना महत्वपूर्ण है, लेकिन अंतिम लक्ष्य अच्छा स्वास्थ्य है। प्राचीन शास्त्रत्तें का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, आयुर्वेद व अन्य चिकित्सा प्रणालियां उपचार तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उन्हें समग्र विज्ञान माना जाता है। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने कहा,परंपरागत औषधियों को पीढ़ियों ने विकसित किया है। इन्हें संरक्षित करें।
पांच लक्ष्य तय किए