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नई दिल्ली। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि यूक्रेन में जो हो रहा है, उसका असर हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर भी पड़ेगा। रूस की इस आक्रामकता को यूरोप सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देखता है। हम सुनिश्चित करेंगे कि रूस की यह अनुचित कार्रवाई एक रणनीतिक विफलता साबित हो।
वैश्विक व्यवस्था का भविष्य तय होगा:उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में दिल्ली में आयोजित ‘रायसीना संवाद’ में अपने विचार साझा किए। लेयेन ने कहा कि रूस की आक्रामकता पर दुनिया की प्रतिक्रिया अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और वैश्विक अर्थव्यवस्था दोनों का भविष्य तय करेगी। युद्ध के परिणाम न केवल यूरोप के भविष्य को निर्धारित करेंगे, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र समेत शेष दुनिया को काफी प्रभावित करेंगे। यूक्रेन की धरती से आई विनाश की तस्वीरों ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है।
कारोबारी सहयोग बढ़ाएंगे भारत और यूरोपीय संघ : भारत और यूरोपीय संघ ने व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद गठित करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री मोदी और उर्सुला वॉन के बीच हुई वार्ता में इस पर सहमति बनी। इसका मकसद तेजी से बदलते भू-राजनीतिक हालात के मद्देनजर आधुनिक प्रौद्योगिकी और सुरक्षा सुनिश्चित करने में पेश आने वाली चुनौतियों का समाधान करना है। यूरोपीय संघ की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि सामरिक सहयोग तंत्र से दोनों के संबंध और प्रगाढ़ होंगे। व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्विपक्षीय कूटनीतिक फैसलों को अमल में लाने के लिए जरूरी प्रारूप प्रदान करेगी। ईयू के साथ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद गठित करने वाला भारत दूसरा देश है। इससे पहले यूरोपीय संघ और अमेरिका ने इस तरह परिषद का गठन किया था।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा,दोनों नेताओं ने यूक्रेन के मानवीय हालात पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने वार्ता के जरिए मुद्दे को सुलझाने पर बल दिया। इतना ही नहीं, म्यांमार और अफगानिस्तान के हालात पर भी दोनों ने विचार साझा किए।