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भारत में इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला के फ्यूचर को लेकर कन्फूजन दूर नहीं हो रहा है। टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने भारत में टेस्ला का बनाने को लेकर अपनी शर्त ट्वीट के जरिए बताई है। उनके ट्वीट से पता चलता है कि वे भारत में पहले टेस्ला की कारों की बिक्री चाहते हैं, इसके बाद ही मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने पर विचार करेंगे।
पहले कार बेचने दो तब प्लांट लगाएंगे
इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क ने एक बार फिर भारत में एक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की बात दोहराई है। ट्विटर पर एक पोस्ट का रिप्लाई देते हुए उन्होंने कहा, “टेस्ला ऐसे किसी लोकेशन पर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं लगाएगी जहां उसे पहले से कारों को बेचने और सर्विस की परमीशन नहीं है।”
एलन मस्क का जवाब तब आया जब ट्विटर यूजर मधु सुधन वी ने पूंछा कि टेस्ला के बारे में क्या? क्या टेस्ला फ्यूचर में भारत में एक प्लांट बना रही है?
एक दूसरे यूजर प्रणय पाथोले ने एलन मस्क से भारत में स्टारलिंक यूज करने के अप्रूवल पर अपडेट के बारे में पूछा, जिस पर एलन मस्क ने रिप्लाई दिया कि वे सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।
पिछले महीने यूनियन ट्रांसपोर्ट और हाइवे मिनिस्टर नितिन गडकरी ने कहा था कि अगर टेस्ला भारत में अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाती है तो कंपनी को भी इसका बेनिफिट मिलेगा। इससे पहले 26 अप्रैल को, गडकरी ने कहा था, अगर टेस्ला भारत में अपने ईवी को बनाने के लिए तैयार है तो ‘कोई समस्या नहीं’ है, लेकिन कंपनी को चीन से कारों को इंपोर्ट करके भारत में बेचना ठीक नहीं।
अगर एलन मस्क भारत में कार बनाने के लिए तैयार हैं तो कोई समस्या नहीं है … भारत आओ, कार बनाना शुरू करो, भारत एक बड़ा मार्केट है, वे भारत से कार को एक्सपोर्ट कर सकते हैं। यह बात उन्होंने रायसीना डायलॉग में कही थी।
टेस्ला कार को इंपोर्ट करने पर 31 लाख रुपए का टैक्स
पिछले साल हैवी इंडस्ट्री मिनिस्ट्री ने टेस्ला को कहा था कि वह पहले भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बनाना शुरू करे, इसके बाद किसी भी तरह की टैक्स पर छूट देने पर विचार किया जाएगा। अभी टेस्ला कार को भारत में इंपोर्ट करने पर 40,000 डॉलर या 60-100% तक का टैक्स लगता है। यह टैक्स कारों के इंजन साइज, कॉस्ट, इंश्योरेंस और माल ढुलाई पर तय होता है।
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