Home Business news Rice Price: 6 states me paddy yield 100 lakh tonnes se decrease hui, 2 month me 30 percent expensive hua rice | 6 राज्यों में धान की उपज 100 लाख टन घटी, 2 महीने में 30 फीसदी महंगा हुआ चावल

Rice Price: 6 states me paddy yield 100 lakh tonnes se decrease hui, 2 month me 30 percent expensive hua rice | 6 राज्यों में धान की उपज 100 लाख टन घटी, 2 महीने में 30 फीसदी महंगा हुआ चावल

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Basmati Rice पहले 60 रुपये किलो मिल रहा था, आज दाम बढ़कर 80 रुपये किलो हो गए. Broken Basmati Rice कभी 30 रुपये किलो मिलता था, आज 40 रुपये किलो से कम में नहीं मिल रहा है.

Rice Price in India: देशभर में गेहूं (Wheat) के बाद अब चावल (Rice) के दाम बढ़ गए है. जून-जुलाई में ही चावल करीब 30 फीसदी महंगा हो गया है. किसी समय 25 रुपये किलो मिलने वाला टूटा चावल आज 30 से 35 रुपये किलो मिल रहा है. इसके साथ ही साबुत चावल की कीमतों में बढ़ोत्तरी देखी गई है. 

बासमती चावल हुआ तेज
बासमती चावल (Basmati Rice) पहले 60 रुपये किलो मिल रहा था, आज उसके दाम बढ़कर 80 रुपये किलो हो गए है. टुकड़ा बासमती (Broken Basmati Rice) जो कभी 30 रुपये किलो मिलता था, वो आज 40 रुपये किलो से कम में नहीं मिल रहा है.

घटी धान की बुवाई 
इस साल भारत में धान की बुवाई का रकबा घटा है. बीते जुलाई के आंकड़े के अनुसार इस साल बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल जैसे धान उत्पादक राज्यों में काफी रकबा कम हुआ है. तभी तो धान की कुल बुवाई का रकबा पिछले साल के मुकाबले 13.3 फीसदी घटी है. आपको बता दें कि पूर्वोत्तर के 6 राज्यों में धान का रकबा पिछले साल के मुकाबले 37.70 लाख हैक्टेअर घटा था. यदि एक हैक्टेअर में औसत 2.6 टन उपज भी जोड़ा जाए तो धान की उपज में 100 लाख टन की कमी.

27 फीसदी बढ़ा चावल का निर्यात
भारत ने साल 2021-22 में दुनिया भर के 150 से अधिक देशों को चावल का निर्यात किया. इनमें से 76 देशों को 1 मिलियन अमरीकी डालर से अधिक का निर्यात हुआ. केंद्र सरकार के पेश आंकड़ों के अनुसार साल 2019-20 में 2015 मिलियन डॉलर के गैर-बासमती चावल का निर्यात किया था, जो 2020-21 में बढ़कर 4799 मिलियन डॉलर और 2021-22 में 6115 मिलियन डॉलर हुआ है. वर्ष 2021-22 में 27% की वृद्धि दर्ज करते हुए गैर-बासमती चावल का निर्यात 6115 मिलियन डॉलर रहा है. 

क्या बोलो एक्सपोर्टर्स 
ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (All India Rice Exporters Association) के अध्यक्ष विजय सेतिया ने इस साल चावल के निर्यात को ज्यादा रहने के आसार जताये हैं. सेतिया का कहना है कि बंगलादेश (Bangladesh) हमारे चावल का पर्मानेंट कस्टमर नहीं है. चावल वहां का मुख्य खाना है. लेकिन वहां जब धान की फसल ठीक होती है तो भारत से चावल नहीं मंगाता. जब वहां धान की फसल खराब हो जाती है तो भारत से चावल मंगाया जाता है. इस साल वहां से चावल की डिमांड है. इसलिए बंंगलादेश सरकार ने चावल पर आयात शुल्क भी घटा दिया है. इसलिए भारतीय बाजार में इसके दाम बढ़ गए हैं.

इन राज्यों में होती है खेती 
भारत के लगभग सभी राज्यों में चावल खाने में इस्तेमाल किया जाता है. जिन राज्यों में चावल ज्यादा खाया जाता है, वहीं इसकी खेती भी ज्यादा होती है. पंजाब और हरियाणा इसके अपवाद हैं. इन राज्यों में मुख्य खाना तो रोटी है, लेकिन ज्यादा पैसे कमाने के लिए वहां के किसान धान की खेती करते हैं. भारत में प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, असम और हरियाणा हैं.

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