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West Bengal BJP: कुल मिलाकर देखा जाए तो ये पूरी कवायद बीजेपी कार्यकर्ताओं में जोश भरने की थी. जिसमें बीजेपी सफल भी होती नजर आ रही है.
West Bengal BJP: पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं का जोश काफी हाई था, यहां तक कि टीएमसी के तमाम नेताओं ने भी ममता का साथ छोड़ दिया था. लेकिन नतीजों ने बीजेपी को करारा झटका दिया. ममता बनर्जी ने रिकॉर्ड जीत दर्ज करते हुए साबित कर दिया कि फिलहाल बंगाल की बॉस वही हैं. इसके बाद से ही राज्य में बीजेपी के लिए कुछ भी ठीक नहीं हो रहा था, तमाम नेता पार्टी छोड़कर जा रहे थे और बंगाल में बीजेपी बिखरती दिख रही थी. लेकिन अब बीजेपी आलाकमान की तरफ से एक बार फिर कार्यकर्ताओं में जान फूंकने की कोशिश हो रही है.
इसका बड़ा उदाहरण मंगलवार 13 सितंबर को देखने को मिला. जब बीजेपी की तरफ से ममता सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ नबन्ना चलो मार्च का ऐलान किया गया. इस मार्च में हजारों की संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता पहुंचे, पूरी प्लानिंग के साथ हर इलाके से कार्यकर्ताओं को इकट्ठा किया गया और कोलकाता बुलाया गया.
हालांकि पश्चिम बंगाल पुलिस ने पहले से ही इस मार्च को लेकर तैयारी कर ली थी. बीजेपी कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पूरे इंतजाम किए गए थे. लेकिन जब उन्हें रोका गया तो वो हिंसक हो उठे, पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच जमकर झड़प हुई. जिसमें कार्यकर्ताओं के अलावा कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ की और आगजनी भी हुई.
2024 से पहले जोश भरने की तैयारी
कुल मिलाकर देखा जाए तो ये पूरी कवायद बीजेपी कार्यकर्ताओं में जोश भरने की थी. जिसमें बीजेपी सफल भी होती नजर आ रही है. भले ही ये मार्च पूरा नहीं हो पाया और पुलिस के साथ झड़प हुई हो, लेकिन जो पार्टी को इससे चाहिए था वो मिल गया है. चुनाव में हार के बाद सुस्त और शांत पड़े कार्यकर्ताओं में जोश भर गया है. इस जोश को बीजेपी अब 2024 तक बिल्कुल भी शांत नहीं होने देना चाहेगी.
दरअसल ये पूरी तैयारी ही 2024 की हो रही है. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भले ही बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन अब लोकसभा चुनाव में इसकी भरपाई की कोशिश शुरू हो चुकी है. ममता सरकार में शामिल मंत्रियों पर पहले ही ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है. मंत्रियों की गिरफ्तारी हो रही है. ऐसे में बीजेपी गरम लोहे पर हथौड़ा चलाना बखूबी जानती है. नबन्ना चलो मार्च इसका महज एक छोटा उदाहरण है. अगले दो साल के बीच बंगाल में बीजेपी और ज्यादा आक्रामक तरीके से ममता सरकार पर हमलावर हो सकती है.
TMC के लिए बड़ा खतरा
बीजेपी का पश्चिम बंगाल में आक्रामक होना ममता बनर्जी और टीएमसी के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है. ममता बनर्जी जो लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकजुटता की बात कर रही हैं, उनके खुद के राज्य में बीजेपी बड़ी सेंधमारी कर सकती है. इसकी एक झलक पिछले यानी 2019 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिल गई थी. अब खतरा ये है कि बीजेपी राज्य में टीएमसी को मौजूदा सीटों पर नुकसान पहुंचा सकती है. पिछले चुनाव में 42 सीटों में से बीजेपी ने 18 सीटों पर जीत दर्ज कर सभी को चौंका दिया था. ऐसा इसलिए क्योंकि 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पश्चिम बंगाल में महज दो सीटों पर ही जीत मिली थी. यानी पांच साल में बीजेपी को 16 सीटों का फायदा हुआ.
अब अगर टीएमसी नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर ऐसी ही कार्रवाई चलती रही और बीजेपी कार्यकर्ताओं का जोश इसी तरह हाई रहा तो 2024 में 18 सीटों का ये आंकड़ा काफी आगे जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो बीजेपी के लिए ये अगले विधानसभा चुनाव का रोडमैप भी साबित होगा.
बंगाल में बीजेपी की नई टीम
पश्चिम बंगाल में बीजेपी की पूरी तैयारी के बारे में तो हमने आपको बता दिया, लेकिन ये सब बीजेपी की नई टीम का काम है. बीजेपी ने राज्य में एक नई टीम तैयार की है, जिसने अपना काम शुरू कर दिया है. बिहार के पूर्व मंत्री मंगल पांडे को बंगाल में प्रभारी के तौर पर जिम्मेदारी दी गई है. वहीं तीन केंद्रीय मंत्रियों की भी तैनाती हुई है. जिनमें धर्मेंद्र प्रधान, स्मृति ईरानी और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे तेज तर्रार नेता शामिल हैं. यानी कुल मिलाकर ममता बनर्जी के लिए 2024 की राह आसान नहीं होने वाली है, उनके लिए बीजेपी की ये नई रणनीति बड़ी चुनौती साबित होगी.