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कोलकाताः यदि सबकुछ सही रहा तो आगामी दिनों में महानगर की सड़कों पर आपको यूक्रेन की तर्ज पर ट्रॉली बसें दिखेंगी। इसके लिए योजना तैयार की जा रही है। कोलकाता में शहर के विभिन्न हिस्सों में बंद ट्राम मार्गों को ट्रॉली बसों के लिए पुनर्जीवित किया जा सकता है, जिन्हें पश्चिम बंगाल परिवहन निगम (डब्ल्यूबीटीसी) द्वारा कुछ महीनों में पेश किया जाएगा। अपने हाइब्रिड अवतार के कारण, एक ट्रॉली बस ट्राम जैसे ओवरहेड केबल से बिजली खींचकर या इलेक्ट्रिक बस की तरह बैटरी से संचालित हो सकती है। ट्रॉली बस, जिसे ट्रैकलेस ट्रॉली भी कहा जाता है, रबर के टायरों पर सड़कों पर चलने वाला एक वाहन है और ट्रॉली पोल द्वारा दो ओवरहेड तारों से खींची गई बिजली से संचालित होता है।
पिछले दिनों स्विचऑन फाउंडेशन द्वारा परिवहन संबंधी एक संगोष्ठी में, डब्ल्यूबीटीसी के एमडी राजनवीर सिंह कपूर ने कहा था कि, “अगर हम जिस ट्रॉली बस को पेश कर रहे हैं वह सफल हो जाती है, तो शहर के मौजूदा ट्राम नेटवर्क को मजबूती मिलेगी और ट्राम का पुनरुद्धार संभव होगा। ट्रॉली बसें ट्राम की जगह नहीं ले सकतीं, बल्कि एक पूरक भूमिका निभाएंगी।
फिलहाल 3 रूटों ट्रॉम चल रही ः कलकत्ता ट्राम यूजर्स एसोसिएशन (सीटीयूए) के अध्यक्ष देवाशिष भट्टाचार्य ने कहा कि 2015 में महानगर में 25 रूटों पर ट्राम चल रही थी। फिलहाल 3 रूटों पर ही ट्राम है। ट्रॉम परिसेवा व ट्रॉली बस में जमीन आसमान का अंतर है।