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दिल्ली दंगों के दौरान एक महिला का घर फूंकने के दोषी दिनेश यादव को कड़कड़डूमा अदालत ने गुरुवार को पांच साल कड़ी कैद की सजा सुनाई। अदालत ने बीते साल छह दिसंबर को दिनेश को गैरकानूनी रूप से भीड़ एकत्रित करने, दंगा कराने, घातक हथियार लेकर चलने, जबरन किसी के घर में घुसने, डकैती डालने व आगजनी के जुर्म में दोषी ठहराया था। दिल्ली दंगों में यह पहला मामला है जिसमें सजा सुनाई गई है। विभिन्न अदालतों में सैकड़ों मामलों की सुनवाई चल रही है।
साक्ष्य दोषी साबित करने के लिए काफी: अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट ने दिनेश पर 12 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष ने जो भी सबूत पेश किए हैं उनसे साबित होता है कि दंगों में दिनेश यादव शामिल था।
दिनेश की दलील खारिज: अदालत ने दिनेश की उन दलीलों को ठुकरा दिया जिसमें सजा में नरमी बरतने की मांग करते हुए कहा गया था कि उसने भीड़ से खुद को अलग कर लिया था। कोर्ट ने कहा, इस बात का कोई साक्ष्य नहीं है कि घटना के वक्त दोषी ने हिंसक भीड़ से खुद को अलग कर लिया था। वह डंडे लेकर भीड़ में शामिल था और उसने दूसरे समुदाय के खिलाफ हिंसा का सहारा लिया। फैसले में कहा गया है कि दोषी को शिकायतकर्ता के घर में प्रवेश करते, तोड़फोड़, लूटपाट या आगजनी करते हुए नहीं देखा गया है, इसका मतलब यह नहीं कि वह सक्रिय भूमिका नहीं निभा रहा था। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हिंसा भड़क गई। इसमें 53 लोगों की मौ१ हुई जबकि 700 से अधिक लोग घायल हो गए थे। दिल्ली में कई दशकों बाद इतनी भयानक हिंसा हुई थी।
सुधरने की उम्मीद