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कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने आरोप लगाया, अमर जवान ज्योति को बुझाना उस इतिहास को मिटाने की तरह है, जो पाकिस्तान के दो टुकड़े करने और दक्षिण एशिया के मानचित्र को बदलने वाले सैनिकों के बलिदान का प्रतीक है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि यह देखकर विचित्र लगता है कि अमर जवान ज्योति की लौ 1971 एवं दूसरे युद्धों के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए है, लेकिन इनमें से किसी का नाम वहां मौजूद नहीं। इंडिया गेट पर कुछ शहीदों के नाम अंकित हैं, जो प्रथम विश्व युद्ध और एंग्लो अफगान युद्ध में ब्रिटिश शासन के लिए लड़े।
लौ समाहित
अमर जवान ज्योति की लौ भारतीय मानस का हिस्सा है। इससे जुड़ी स्मृतियां अतुल्य हैं। – मनमोहन बहादुर, पूर्व एयर वाइस मार्शल
बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते।-राहुल गांधी, कांग्रेस नेता
अमर जवान ज्योति की शाश्वत लौ को बुझाया नहीं जा रहा है राहुल जी, उसका राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में जल रही ज्योति में विलय किया जा रहा है। -धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री