Home Business news Yojanaon ka laabh bare varg ke logo milega | ‘योजनाओं का लाभ बड़े वर्ग को मिलेगा’

Yojanaon ka laabh bare varg ke logo milega | ‘योजनाओं का लाभ बड़े वर्ग को मिलेगा’

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आम बजट पेश करने के बाद मध्यमवर्ग को फायदा न दिए जाने पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने तर्क दिया कि देश में मध्यम वर्ग का दायरा अब बढ़ गया है। देश के स्टार्टअप, छोटे कारोबारी समेत तमाम लोग अब इस दायरे में आने लगे हैं। ‘हिन्दुस्तान’ के विशेष संवाददाता सौरभ शुक्ल से बातचीत में उन्होंने ये भी कहा कि अगर सरकार आयकर स्लैब को बढ़ाती है तो छोटे से ज्यादा बड़े करदाता को उसका फायदा मिल जाता।

● आम करदाताओं खासकर मध्यम वर्ग को काफी उम्मीद थी कि वित्तमंत्री कर घटाकर उनके हाथ में खर्च के लायक कुछ रकम देंगी। क्या वजह रही कि टैक्स नहीं घटाया जा सका?

मध्यम वर्ग के दायरे की व्यापकता को समझने की जरूरत है। क्या किसान, एमएसएमई या फिर स्टार्टअप शुरू करने वाले उस वर्ग में नहीं आते हैं। ऐसे में ये नहीं कहा जा सकता है कि सरकार ने मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं किया। इन क्षेत्रों में हुई कई घोषणाओं का फायदा सभी को मिलेगा। एक दिक्कत ये भी थी कि अगर सरकार छोटे करदाताओं को राहत देती तो उसका ज्यादा फायदा बड़े करदाताओं या कहें अमीरों को मिल जाता। यही वजह है कि अभी उस दिशा में बदलाव की जरूरत महसूस नहीं हुई।

● लेकिन आपने करदाताओं को पिछले साल के रिटर्न में बदलाव के लिए दो साल का अतिरिक्त समय दे दिया है इसके पीछे का आधार क्या रहा?

ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। सरकार ने ये गुड विल जेस्चर के तहत किया है। आयकर रिटर्न फाइल करते समय कई मौकों पर ऐसा होता है कि चीजें छूट जाती है। सरकार करदाताओं पर पूरा भरोसा करती है इसीलिए उन्हें दो साल का अतिरिक्त समय दिया गया है कि वो चाहें तो पुराने रिटर्न पर बचा हुआ टैक्स चुकाकर कानूनी प्रक्रिया से बच सकें।

● सरकार लगातार खर्च बढ़ाने का और उससे नौकरियां बढ़ने के दावे करती हैं लेकिन हकीकत में उस पैमाने पर अच्छी नौकरियों की कमी दिखती हैं। इससे निपटने के क्या इंतजाम हैं बजट में?

देश में सभी को उनकी क्षमता के हिसाब से नौकरी का हक है। सरकार लोगों के कौशल विकास पर जोर दे रही है। छोटे और मझोले कारोबारियों को क्रेडिट गारंटी लोन मुहैया करा रही है। साथ ही शहरों से लेकर गांव तक ऐसे तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं जो रोजगार बढ़ाने वाले होंगे। देश में रक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर समेत कई मोर्चों पर खर्चा बढ़ाया जाएगा जिसके बाद वहां भी नौकरियों के अच्छे अवसर होंगे। हमारी रणनीति सही दिशा में चल रही है।

● आप कह रही हैं कि सरकार कारोबारियों के लिए तमाम उपाय कर रही है लेकिन मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में लोगों को कच्चे माल की दिक्कत से जूझना पड़ रहा है। उससे कैसे निपटेंगी?

हर सेक्टर में कच्चे माल के महंगा होने का असर नहीं है। मेटल इंडस्ट्री में जरूर कुछ दिक्कत देखी जा रही है। वो भी वैश्विक वजह से है।

● पिछले साल के विनिवेश के ऐलानों पर क्या रणनीति है? बैंकों के विनिवेश के मोर्चे पर सरकार की रफ्तार सुस्त हो गई है?

ऐसा नहीं है कि पिछले साल के बजट का सारा काम एक ही साल में पूरा हो जाए। पिछले साल का बजट आगे भी चलता रहेगा।

● एक चिंता ये भी है कि सरकार जिस पैमाने पर उधार लेती जा रही है, निजी क्षेत्रों को उधारी के लिए मुश्किल न आ जाए?

ऐसा नहीं है कि बाजार में पैसे खत्म हो गए हैं। स्टार्टअप को फंडिंग की दिक्कत कहीं नहीं देखने को मिल रही है। हाल ही में तमाम आईपीओ बाजार में आए और उन सबको अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। ऐसे में पैसे की कमी नहीं है।

● वर्चुअल एसेट्स पर टैक्स के बाद ये सवाल उठने लगे हैं कि आखिर क्रिप्टो कानूनी है या फिर गैर कानूनी?

अभी सरकार इस मुद्दे पर किसी अंतिम फैसले पर नहीं पहुंची है। इस बारे में व्यापक विचार-विमर्श किया जा रहा है। सभी हितधारकों से सुझाव मांगे जा रहे हैं कि इसका स्वरूप क्या हो। लेकिन एक बात तो साफ है कि देश में हर कोई करंसी नहीं जारी कर सकता है। यही वजह है कि सरकार ने ऐसा किया है रिजर्व बैंक डिजिटल करंसी जारी करे। देश में हर आर्थिक गतिविधि में होने वाले मुनाफे पर टैक्स लगता है। यहां भी मुनाफा है इसीलिए इस पर कर लगाया गया है। ऐसे में जब तक इससे जुड़ा कानून नहीं आ जाता, लोग चांस ले सकते हैं।

● किसानों की आमदनी दोगुना करने के लिए अब आपकी रणनीति क्या है?

खेती में तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का व्यापक रोडमैप बजट में पेश किया गया है। इसके साथ ही पिछले कुछ सालों में इस दिशा में बड़े पैमाने पर स्टार्टअप भी आए हैं। किसानों को उनके उत्पाद का सबसे ज्यादा एमएसपी आधारित डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर किया जा रहा है। साथ ही खाद्य प्रसंस्करण की तमाम इकाई गांवों तक पहुंच रही हैं। इस सब से जाहिर है हालात बदल जाएंगे।

● बजट को अमृत महोत्सव से जुड़े आयोजनों से भी जोड़ा गया है। अगले 25 साल में भारत में क्या बदलाव देखने को मिलेगा?

अगले 25 सालों में देश को नया भारत बनाने के रास्ते पर सरकार चल रही है। इसमें न सिर्फ बेहतरीन आधारभूत संरचना रहेगा बल्कि बॉर्डर के गांवों तक विकास को पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। सरकार की कोशिश है कि देश के आकांक्षापूर्ण जिलों में व्यापक सुधार भी किया जाए। इन सबको करने के दौरान तमाम नई परियोजनाएं आएंगी जो युवाओं को रोजगार देंगी। इस प्रयास से देश के युवा, किसान और मध्यमवर्ग सभी को फायदा पहुंचेगा।

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