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औद्योगिक संगठनों की याचिका पर फैसला: ‘हरियाणा स्टेट इंप्लाइमेंट ऑफ लोकल कैंडिडेट ऐक्ट 2020’ के विरोध में गुरुग्राम, रेवाड़ी और फरीदाबाद के औद्योगिक संगठनों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी दायर की थी। इस पर लंबी सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति अजय तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज जैन की पीठ ने फैसला सुनाया। अदालत के इस फैसले का औद्योगिक संगठनों ने स्वागत किया है।
पलायन का डर था : रोजगार में आरक्षण के कानून के खिलाफ सबसे पहले गुरुग्राम औद्योगिक एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाकर रोक की मांग की। इसके बाद मानेसर औद्योगिक एसोसिएशन और आईएमटी मानेसर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, फरीदाबाद और रेवाड़ी जिले के औद्योगिक संगठन हाईकोर्ट पहुंच गए। इन संगठन ने अपनी याचिका में कहा है कि इस कानून के लागू होने से गुरुग्राम से उद्योग का पलायन हो सकता है। वास्तविक कौशलयुक्त युवाओं के अधिकारों का हनन होगा। याचिका में इस कानून पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
पूरा दम लगा देंगे: फैसले के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा, उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश जारी किया है, लेकिन हम यह मुकदमा लड़ने में पूरा दमखम लगा देंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम हरियाणवी युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि कुछ साल पहले हरियाणा के एक कानून के खिलाफ याचिकाएं दायर की गई थीं। इस कानून में पंचायत चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय की गई थी, लेकिन बाद में उच्चतम न्यायालय ने इसकी संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा। उस वक्त भी हम उच्चतम न्यायालय गए, उस कानून को बरकरार रखा गया और उसे लागू किया गया। इस मुकदमे को भी हम पूरे दमखम के साथ लड़ेंगे। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने ट्वीट किया, हम हरियाणवी युवाओं के रोजगार अवसरों के लिए लड़ना जारी रखेंगे।
कांग्रेस ने घेरा: कांग्रेस नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार बेरोजगारी से निपटने के लिए कोई प्रभावी नीति बनाने में असफल रही है। इससे ध्यान भटकाने के लिए आरक्षण का जुमला दिया जो विफल रहा।