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Kolkata : विधाननगर नगरनिगम चुनाव में सेंट्रल फोर्स तैनात की जाने की मांग करते हुए हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इसके साथ ही इसमें पोलिंग एजेंटों की तैनाती और मतगणना के दिन को लेकर भी इसमें सवाल उठाया गया है। चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस राजर्षि भारद्वाज के डिविजन बेंच में इसकी सुनवायी बुधवार को होगी।
एडवोकेट धीरज त्रिवेदी और एडवोकेट सब्यसाची भट्टाचार्या ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को इस पीआईएल के बाबत मेंशन किया गया था। सोमवार को हल्की सुनवायी के बाद इसकी पूर्ण सुनवायी के लिए बुधवार का दिन तय किया गया। भाजपा के प्रताप बनर्जी और माकपा की तरफ से मौसमी राय ने यह पीआईएल दायर की है। सोमवार को सुनवायी में कहा गया कि विधाननगर में हिंसा का माहौल बना हुआ है, इसलिए पर्याप्त सुरक्षा या सेंट्रल फोर्स की तैनाती की जाए। इसमें कहा गया कि 25 जनवरी को पिछली सुनवायी के दौरान एडवोकेट जनरल एस एन मुखर्जी ने कहा था कि राज्य चुनाव आयोग और राज्य सरकार पर सुरक्षा व्यवस्था करने की जिम्मेदारी है। लिहाजा इस बाबत जवाब दिया जाए। इसके साथ ही पोलिंग एजेंट का सवाल भी उठाया गया है। निर्वाचन आयोग के मुताबिक विधानसभा का कोई भी मतदाता किसी भी बूथ में पोलिंग एजेंट बन सकता है। जबकि राज्य निर्वाचन आयोग ने तय किया है कि उसी वार्ड का मतदाता ही उस वार्ड में पोलिंग एजेंट बन सकता है। मतगणना के सवाल को भी उठाया गया है। चार नगरनिगमों के चुनाव के बाद परिणाम की घोषणा कर दी जाएगी। उनकी दलील है कि इसका असर नगरपालिकाओं के चुनाव पर पड़ेगा। लिहाजा मतदान समाप्त होने के बाद ही एक साथ मतगणना करायी जाए। डिविजन बेंच ने आदेश दिया कि इस बाबत एडिशनल सालिसिट जनरल को भी नोटिस दी जाए।
एडवोकेट धीरज त्रिवेदी और एडवोकेट सब्यसाची भट्टाचार्या ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को इस पीआईएल के बाबत मेंशन किया गया था। सोमवार को हल्की सुनवायी के बाद इसकी पूर्ण सुनवायी के लिए बुधवार का दिन तय किया गया। भाजपा के प्रताप बनर्जी और माकपा की तरफ से मौसमी राय ने यह पीआईएल दायर की है। सोमवार को सुनवायी में कहा गया कि विधाननगर में हिंसा का माहौल बना हुआ है, इसलिए पर्याप्त सुरक्षा या सेंट्रल फोर्स की तैनाती की जाए। इसमें कहा गया कि 25 जनवरी को पिछली सुनवायी के दौरान एडवोकेट जनरल एस एन मुखर्जी ने कहा था कि राज्य चुनाव आयोग और राज्य सरकार पर सुरक्षा व्यवस्था करने की जिम्मेदारी है। लिहाजा इस बाबत जवाब दिया जाए। इसके साथ ही पोलिंग एजेंट का सवाल भी उठाया गया है। निर्वाचन आयोग के मुताबिक विधानसभा का कोई भी मतदाता किसी भी बूथ में पोलिंग एजेंट बन सकता है। जबकि राज्य निर्वाचन आयोग ने तय किया है कि उसी वार्ड का मतदाता ही उस वार्ड में पोलिंग एजेंट बन सकता है। मतगणना के सवाल को भी उठाया गया है। चार नगरनिगमों के चुनाव के बाद परिणाम की घोषणा कर दी जाएगी। उनकी दलील है कि इसका असर नगरपालिकाओं के चुनाव पर पड़ेगा। लिहाजा मतदान समाप्त होने के बाद ही एक साथ मतगणना करायी जाए। डिविजन बेंच ने आदेश दिया कि इस बाबत एडिशनल सालिसिट जनरल को भी नोटिस दी जाए।