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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में नाटो समिट को संबोधित किया। बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन पर हमले के जवाब में रूस को औद्योगिक और विकासशील देशों के G20 ग्रुप से बाहर निकाल देना चाहिए। ऐसा होने से रूस दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से कट जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर सदस्य देश रूस को हटाने से सहमत नहीं होते हैं, तो यूक्रेन को नाटो की मीटिंग्स में हिस्सा लेने की अनुमति दी जानी चाहिए। बाइडेन ने ये भी कहा कि अगर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग में केमिकल वेपन का इस्तेमाल किया, तो इसका जवाब नाटो जवाब देगा।
इंटरनेशनल ट्रेड में G20 की हिस्सेदारी 75%
दुनियाभर के इंटरनेशनल ट्रेड में G20 देशों की हिस्सेदारी करीब 75% है। दुनिया की दो तिहाई आबादी यहीं रहती है। रूस पहले से ही पश्चिम देशों की ओर से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों की मार झेल रहा है। इससे पहले, 2014 में रूस के क्रीमिया पर कब्जे के बाद G8 से बाहर निकाला जा चुका है।
अगर रूस को G20 से बाहर निकाला जाना एक शक्तिशाली प्रतीकात्मक कदम होगा, जो रूस को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ बैठने से रोकेगा।
नाटो आज सबसे अधिक एकजुट
बाइडेन ने कहा कि नाटो कभी भी इतना अधिक एकजुट नहीं हुआ है, जितना आज है। यूक्रेन पर हमले के बाद पुतिन को उनके इरादे के बिल्कुल विपरीत परिणाम मिल रहे हैं। अमेरिका एक लाख यूक्रेनी रिफ्यूजियों का स्वागत करने के लिए तैयार है।
क्या है G20 ?
यह एक ऐसा समूह जिसमें 19 सदस्य देश हैं और 20वां यूरोपीयन यूनियन है। हर साल होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में मुख्य रूप से आर्थिक मामलों पर चर्चा होती है। ग्रुप में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं।
ये सभी सदस्य देश मिल कर दुनिया की जीडीपी का 80% से अधिक हिस्सा बनाते हैं। G20 को दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों के समूह G7 के विस्तार के रूप में देखा जाता है। G7 में फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा हैं।
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