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अमेरिका ने गुरुवार को आगाह किया कि रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों को दरकिनार करने वाले देशों को अंजाम भुगतने होंगे। अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (डिप्टी NSA) दलीप सिंह ने अपने भारत यात्रा के दौरान एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा- कोई भी इस बात पर भरोसा नहीं करेगा कि अगर चीन LAC का उल्लंघन करता है तो रूस भारत की मदद के लिए दौड़ता हुआ आएगा।
दलीप ने कहा कि भारत की रूस से ऊर्जा खरीदी फिलहाल अमेरिकी प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं है, लेकिन हम चाहते हैं कि भारत रूस पर अपनी निर्भरता कम करे।
रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों को तैयार करने में अहम भूमिका निभाने वाले दलीप सिंह बुधवार को दो दिन के दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे हैं।
भारत की ऊर्जा जरूरतों के लिए अमेरिका तैयार
दलीप ने यह बयान उस दिन दिया, जब रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव दो दिन के भारत दौरे पर दिल्ली पहुंचे हैं। रूसी विदेश मंत्री के इस दौरे में रूसी तेल की खरीद सहित द्विपक्षीय व्यापार के लिए रूबल-रुपए पेमेंट सिस्टम पर चर्चा होने की संभावना है।
रूस से किफायती दरों पर तेल खरीदने के भारत के फैसले के बारे में पूछे जाने पर दलीप ने कहा कि अमेरिका भारत की ऊर्जा और डिफेंस इक्विपमेंट की जरूरत पूरा करने के लिए तैयार है।
चीन हिंद-प्रशांत के लिए एक रणनीतिक खतरा
क्वाड सहयोग का जिक्र करते हुए दलीप ने कहा कि समूह में इस बात को मान्यता दी गई है कि चीन स्वतंत्र, खुले और सुरक्षित हिंद-प्रशांत के लिए एक रणनीतिक खतरा है। दलीप ने कहा- आप इस वास्तविकता से मुंह नहीं मोड़ सकते कि चीन और रूस ने नो लिमिट पार्टनरशिप का ऐलान किया है। वहीं, रूस ने कहा है कि चीन उसका सबसे अहम रणनीतिक साझेदार है।
रूस- चीन के संबधों का भारत पर असर
दलीप ने कहा कि इन सबका असर भारत पर पड़ना तय है। रूस, चीन के साथ इस रिश्ते में जूनियर पार्टनर बनने जा रहा है। रूस और चीन के संबंध भारत के खिलाफ साबित होंगे। मुझे नहीं लगता कि कोई यह विश्वास करेगा कि अगर चीन एक बार फिर LAC का उल्लंघन करता है, तो रूस भारत की रक्षा के लिए दौड़ता हुआ आएगा।
इसलिए हम चाहते हैं कि दुनिया भर के लोकतंत्र और खासतौर पर क्वाड देश एक साथ आएं और यूक्रेन को लेकर अपने साझा हितों को प्रमुखता से उठाएं। डिप्टी NSA ने कहा कि अगर रूसी हमले के प्रभाव को कंट्रोल नहीं किया गया तो यह काफी घातक होगा।