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नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि लागत कम करने के लिए शनिवार को किसानों को किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के माध्यम से खेती करने की सलाह दी और प्राकृतिक तरीके से किसानी करने का सुझाव दिया।
नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित सम्मेलन में किसानों के लिए ‘प्रधानमंत्री किसान निधि’ की दसवीं किस्त के तहत 20 हजार करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित करने के बाद उन्हें संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर एफपीओ को इक्विटी राशि भी जारी की। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए बताया कि इस कार्यक्रम के लिए देशभर से करीब आठ करोड़ किसानों ने पंजीकरण कराया था। मोदी ने कहा कि कोरोना की चुनौतियों के बावजूद हमें वर्ष 2022 में आर्थिक वृद्धि की गति को तेज करना होगा और इस महामारी से लड़ते हुए राष्ट्रीय हितों को पूरा करना होगा। इस कार्यक्रम में हरियाणा, गुजरात और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी जुड़े थे। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ की राशि किसानों को बिना किसी बिचौलिए के हर किस्त समय पर जारी की गयी है। पहले इसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती थी। अब तक एक लाख अस्सी हजार करोड़ रुपये किसानों को बैंक खातों में हस्तांतरित किए जा चुके हैं। इससे किसान अच्छे बीज, खाद और उपकरण खरीदते हैं। इस मदद से छोटे किसानों का समर्थ बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एफपीओ से छोटे किसानों को फायदा हो रहा है। इससे किसानों की मोल-भाव की शक्ति बढ़ती है। अलग-अलग खेती से कृषि की लागत बढ़ती है क्योंकि वे अपनी जरूरतों की चीजों को फुटकर में खरीदते हैं और अपने उत्पाद थोक में बेचते हैं। उन्होंने कहा कि एफपीओ में थोक में बड़े पैमाने पर व्यापार होता है। डीपीओ से किसानों को नवाचार की जानकारी मिलती है। रिस्क मैनेजमेंट में सहायता मिलती है और बाजार के हिसाब से बदलने की क्षमता हासिल होती है। जीपीओ को सरकार 15 लाख रुपये तक की मदद देती है। उन्होंने कहा कि तिलहन, शहद और कई अन्य वस्तुओं के जैविक उत्पादन के लिए क्लस्टर बढ़ रहे हैं। एक जिला एक उत्पाद को बढ़ावा मिल रहा है। मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के बावजूद रिकार्ड अन्न उत्पादन हुआ है, जो करीब 30 करोड़ टन पहुंच गया है। बागवानी उत्पाद भी 33 करोड़ टन हो गया है। छह-सात साल पहले की तुलना में दूध उत्पादन 45 प्रतिशत बढ़ा है तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की रिकॉर्ड खरीद भी हो रही है। उन्होंने कहा कि सिंचाई क्षमता में लगातार विस्तार किया जा रहा है और सात लाख हेक्टेयर में टपक सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई गयी है। किसानों को एक लाख करोड़ रुपये का कृषि बीमा का लाभ दिया गया है। कृषि अवशेष से बायो-फ्यूल बनाया जा रहा है।
और एथनॉल का उत्पादन 340 करोड़ लीटर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि गोबर से बॉयोगैस बनाया जा रहा है, जिससे उत्तम खाद भी मिल रही है। किसानों को गोबर का पैसा मिल रहा है तो इससे पशु उन पर बोझ नहीं बनेंगे। पशुओं का इलाज और कृत्रिम गर्भाधान सुविधा किसानों को उनके घरों पर उपलब्ध कराई जा रही है। मोदी ने किसानों से नवाचार का संकल्प लेने का अनुरोध करते हुए कहा कि भारत में बनी वस्तुओं को वैश्विक पहचान दें। दुनिया में केमिकल फ्री अनाज की मांग अब बढ़ रही है। किसान प्राकृतिक खेती पर जोर दें जिसमें लागत कम आती है और बेहतर उत्पादन होता है जो स्वास्थ्य के लिए उत्तम होता है। उन्होंने खाद्य तेल के आयात की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि इस पर बहुत पैसा खर्च होता है। यह पैसा किसानों को मिलना चाहिए। तेल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 11 हजार करोड़ रुपये के नेशनल पाम ऑयल मिशन की शुरुआत की गयी है।