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2 saal baad aaj khulkar udhengey gulaal ke rang | 2 साल बाद आज खुलकर उड़ेंगे गुलाल के रंग

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होलिका दहन संपन्न, आज होली, नहीं रहेगा नाइट कर्फ्यू
रंगों से ज्यादा है अबीर व गुलाल की मांग

कोलकाता : 2 वर्षों के कोविड काल के बाद आज यानी 18 मार्च को खुलकर गुलाल के रंग उड़ेंगे। देश भर के साथ पश्चिम बंगाल व राजधानी कोलकाता में आज दोल व होली का त्योहार एक साथ मनाया जाएगा। इसके लिए कोलकाता पुलिस ने सुरक्षा संबंधी तैयारियां पूरी कर ली हैं तो वहीं होली के रंगों और पिचकारियों से बाजार पूरी तरह पट गये हैं। इधर, गुरुवार की रात होलिका दहन संपन्न हुआ। होलिका दहन की पवित्र अग्नि में लोगों ने सुख, समृद्धि व शांति की कामना की। गुरुवार काे होलिका दहन के अलावा आज यानी शुक्रवार को होली के अवसर पर राज्य सरकार की ओर से कोविड नियमों में राहत देते हुए नाइट कर्फ्यू हटाया गया है। इधर, बाजारों में भी इस बार 2 वर्षों के बाद होली की रौनक पुन: वापस लौटी है।

बाजार में रंगों से अधिक है अबीर व गुलाल की मांग
आर्मेनियन स्ट्रीट में पिछले 80 वर्षों से ‘नेमचंद मेघराज’ रंगों की दुकान है। इसके मालिक सुशील अग्रवाल ने बताया, ‘धीरे – धीरे अब रंगों का मार्केट कम हो रहा है। इस बार अबीर व गुलाल की मांग रंगों की तुलना में अधिक है। इसका कारण है कि रंग तुरंत साफ नहीं होता, उसे पानी में घोलना पड़ता है जबकि अबीर अथवा गुलाल के साथ ऐसा नहीं है। हालांकि पिछले 2 वर्षों की तुलना में इस बार रंगों का मार्केट बेहतर है। वर्ष 2020 और 2021 में तो आधे से भी कम मार्केट था, लेकिन इस बार लगभग 70% तक रिकवरी हुई है। हालांकि अबीर व गुलाल की मांग ही अधिक है क्योंकि ये अलग-अलग रंगों में भी अब मिलने लगे हैं और सूखा होने के कारण तुरंत साफ हो जाते हैं।’ इधर, सीडब्ल्यूबीटीए (कनफेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रेड एसोसिएशन) के अध्यक्ष सुशील पोद्दार ने कहा कि 2 साल बाद इस बार लोग खुलकर होली मनायेंगे। कोलकाता की धरोहर यानी होली मिलन समारोह भी इस बार काफी संख्या में हो रहे हैं जो सकारात्मक बात है। इसके अलावा बाहर से काफी संख्या में कलाकार इस बार होली पर आये हैं। कुल मिलाकर होली का मार्केट इस बार काफी अच्छा है।

हर्बल रंग बनता है काफी कम
बताया गया कि हर्बल रंग के नाम से काफी रंग तो बेचे जाते हैं, लेकिन असल में हर्बल रंग केवल जादवपुर विश्वविद्यालय में कुछ मात्रा में ही बनता है। बाकी रंगों में केमिकल ही रहते हैं जिन्हें हर्बल कहकर बेचा जाता है।

होली से पहले छायी बाजारों में रौनक
बाजार में रंग और पिचकारी की कई अस्थाई दुकानें सज गई हैं। 10 रुपये से लेकर 200 रुपये की पिचकारी उपलब्ध है। इसके अलावा दुकानों पर विभिन्न प्रकार के मुखौटे, टोपी और पगड़ी भी बच्चे खूब खरीद रहे हैं। दुकानदार रोहित साह, नीरज कुमार, मनोज शर्मा ने बताया कि विभिन्न प्रकार के अबीरों और गुलालों की खूब मांग है। इसके साथ ही विभिन्न मुखौटा, फूलों के महक वाले अबीर की खूब बिक्री हो रही है।

होली मनायें मगर कोविड को ना भूलें
लोगों से अपील की जा रही है कि खूब होली मनायें मगर कोविड काे ना भूलें। इसके लिए कोविड नियमों का पालन करते हुए होली मनायें।

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