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Gujarat News: गुजरात सरकार ने देर रात मोरबी शहर में पुल गिरने की घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था. अब आईजीपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में भी मामले की जांच शुरू कर दी गई है.
लोगों को बचाने के लिए रातभर राहत-बचाव का काम जारी है जबकि ब्रिज मैनेजमेंट कंपनी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है. राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने सोमवार की सुबह बताया कि इस मामले में आपराधिक केस दर्ज कर लिया गया है और आईजीपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में इसकी जांच शुरू कर दी गई है. पीड़ित परिवारों को 6-6 लाख मुआवजे का एलान हुआ है.
उन्होंने बताया है कि सभी रातभर राहत बचाव के काम में लगे रहे. नौसेना, एनडीआरएफ, एयर फोर्स और आर्मी के जवान घटना के बाद तत्काल मौके पर पहुंचे. रातभर करीब 200 से ज्यादा जवान तलाशी और राहत कार्यों में लगे रहे. मोरबी हादसे पर खुद गृहमंत्री अमित शाह की करीबी नजर है. रातभर वे प्रधानमंत्री कार्यालय के संपर्क में रहे. गुजरात के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने भी पूरे हालात का जायजा लिया और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को घटनास्थल की हर जानकारी दी गई.
रेस्क्यू में कौन-कौन शामिल
गुजरात सीओओ के मुताबिक, भारतीय नौसेना के 50 जवान के साथ NDRF के 3 दस्ते, भारतीय वायुसेना के 30 जवानों के साथ बचाव और राहत अभियान के लिए सेना के 2 कॉलम और फायर ब्रिगेड की 7 टीमें राजकोट, जामनगर, दीव और सुरेंद्रनगर से उन्नत उपकरणों के साथ मोरबी में आकर मोर्चा संभाले हुई है. इनके अलावा SDRF के 3 और राज्य रिजर्व पुलिस के 2 दस्ते भी बचाव और राहत कार्यों के लिए मोरबी पहुंचे. घायल लोगों के इलाज के लिए राजकोट सिविल अस्पताल में एक आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है. अबतक 177 लोगों को रेस्क्यू किया गया है.
NDRF ने भेजी 2 और टीमें
एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसेन शाहिदी ने बताया कि एनडीआरएफ की दो और टीमों को वडोदरा हवाई अड्डे से राजकोट हवाई अड्डे के लिए रवाना किया जा रहा है. एनडीआरएफ टीम के साथ वायुसेना का विमान राहत कार्यों के लिए रवाना हो गया है. इसके अलावा जामनगर और आसपास के अन्य स्थानों में बचाव कार्यों के लिए हेलीकाप्टरों को तैयार रखा गया है.
वायुसेना के गरुड़ कमांडो भी रेस्क्यू ऑपरेशन में
रेस्क्यू ऑपरेशन कितने बड़े स्तर पर चलाया जा रहा है इसका अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि इसमें वायुसेना सिर्फ इनवॉल्व ही नहीं हुई है, बल्कि उसके सबसे खूंखार कमांडो को इस सर्च ऑपरेशन में उतारा गया है. आर्मी के पैरा कमांडो व नेवी के मार्कोस कमांडो की तरह गरुण कमांडो भी बेहद खूंखार हैं. इस फोर्स का गठन वर्ष 2004 में किया गया. इनकी ट्रेनिंग ऐसी होती है कि ये बिना कुछ खाए हफ्ते तक संघर्ष कर सकते हैं. मौजूदा समय में गरुड़ कमांडो की सबसे ज्यादा तैनाती जम्मू और कश्मीर में होती है.
केजरीवाल ने कैंसिल किए अपने सारे प्रोग्राम
मोरबी हादसे के चलते अरविंद केजरीवाल ने अपने सारे प्रोग्राम कैंसिल कर दिए. CM केजरीवाल ने आदमपुर का रोड शो कैंसिल किया. आज हरियाणा के आदमपुर में उपचुनाव के लिए रोड शो करने वाले थे केजरीवाल.