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अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए ‘एयर सुविधा’ फॉर्म भरने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है. इस बारे में सरकार ने सूचना जारी की है.
सरकार ने देश में कोरोना वायरस के मामलों में कमी आने के बीच अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए ‘एयर सुविधा’ फॉर्म भरने की अनिवार्यता को सोमवार को समाप्त करने का फैसला किया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए संशोधित दिशा-निर्देश 22 नवंबर यानी मंगलवार से प्रभावी हो गए.
सरकार के इस कदम के बाद अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को जरूर कागजी कार्रवाई से थोड़ी मिली है. इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सफर कर आए एक यात्री ने कहा- एयर सुविधा फॉर्म भरवाने की अनिवार्यकता खत्म होने की वजह से यात्रा अब कुछ आसान हो गई है.
शारजाह से दिल्ली लौटे हीरा सिंह ने कहा- कोविड की स्थिति पहले से बेहतर हुई है. वे अब कुछ ज्यादा पेपर्स वर्क के लिए हमें नहीं बोलते हैं. अब यात्रा पहले की तुलना में आसान हो गई है. तो वहीं, बाली से लौटे अविनाश श्रीखांडे ने कहा कि अब यात्रियों के लिए एग्जिट आसान हो गया है. पहले बहुत ज्यादा डॉक्यूमेंटेशन वर्क होता था.
गौरतलब है कि इससे पूर्व, दिशा-निर्देशों के तहत विदेश से भारत आने वाले यात्रियों को ‘एयर सुविधा’ फॉर्म भरने की जरूरत होती थी. कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर इस फॉर्म की शुरुआत की गई थी. पिछले हफ्ते, नागर विमानन मंत्रालय ने कहा कि हवाई यात्रा के दौरान मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य नहीं है, लेकिन यात्रियों को इसका उपयोग करना चाहिए.
स्वास्थ्य मंत्रालय के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, हवाई यात्रियों को अपने देश में कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण के मंजूर कार्यक्रम के अनुसार टीका लगवाना चाहिए. दिशा-निर्देशों के तहत आगमन पर यात्रियों को शारीरिक दूरी सुनिश्चित करनी चाहिए और आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग प्रवेश स्थल पर मौजूद स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा की जाएगी.
दिशा-निर्देशों में कहा गया है, ‘‘जांच के दौरान लक्षण पाए जाने वाले यात्रियों को तुरंत अलग कर दिया जाएगा, स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुसार निर्दिष्ट चिकित्सा केंद्र में ले जाया जाएगा.’’ महामारी के मद्देनजर, निर्धारित घरेलू उड़ान सेवाओं को 25 मार्च, 2020 से दो महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था. निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाओं को भी उसी दिन से निलंबित कर दिया गया था, जो इस साल 27 मार्च से बहाल की गई थी.